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कृषि यंत्र अनुदान

हरियाणा फसल विविधीकरण योजना के लिए लक्ष्य निर्धारित

हरियाणा फसल विविधीकरण योजना के लिए लक्ष्य निर्धारित

भूजल स्तर में गिरावट का निदान

धान छोड़ने वाले किसान का सम्मान

फसल विविधता के लिए लक्ष्य निर्धारित

हरियाणा प्रदेश सरकार ने राज्य में क्रॉप डायवर्सिफिकेशन (Crop Diversification) यानी फसल विविधीकरण के लिए हरियाणा फसल विविधीकरण योजना (मेरा पानी मेरी विरासत - Mera Pani Meri Virasat) शुरू की है। हरियाणा क्रॉप डायवर्सिफिकेशन स्कीम (Haryana Crop Diversification Scheme) अर्थात हरियाणा फसल विविधीकरण योजना के तहत, धान की पारंपरिक फसल छोड़ने वाले किसानों को सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा।
हरियाणा फसल विविधीकरण योजना के सरकारी दस्तावेज (अंग्रेजी में) पढ़ने या पीडीऍफ़ डाउनलोड के लिए, यहां क्लिक करें
इस स्कीम के तहत धान जैसी पारंपरिक फसल त्यागने का निर्णय लेने वाले किसानों को प्रति एकड़ 7 हजार रुपये की राशि बतौर प्रोत्साहन प्रदान की जाती है। राज्य सरकार मक्का उगाने वाले किसानों को 2400 रुपये प्रति एकड़ और दलहन (मूंग, उड़द, अरहर) की पैदावार करने वाले कृषकों को 3600 रुपये प्रति एकड़ के मान से अनुदान राशि प्रदान करती है।


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आपको बता दें हरियाणा सरकार की ओर से फसल विविधीकरण स्कीम (Haryana Crop Diversification Scheme) के तहत यह प्रोत्साहन राशि किसान को सिर्फ 5 एकड़ की कृषि भूमि के लिए ही प्रदान की जाती है। राज्य सरकार द्वारा साल 2022 के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुसार प्रदेश की 50 हज़ार एकड़ कृषि भूम पर योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।

स्कीम का कारण

हरियाणा प्रदेश में किसानों द्वारा एक सी फसल उगाने के कारण खेतों की पैदावार क्षमता प्रभावित हो रही है। एक जैसे रसायनों एवं कीटनाशकों के सालों से हो रहे प्रयोग के कारण कृषि भूमि की उर्वरता भी खतरे में है। साथ ही राज्य में भूजल स्तर में भी गिरावट देखी जा रही है।


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इन सभी समस्याओं के मूलभूत उपचार फसल विविधीकरण के तरीके को अपनाते हुए सरकार ने हरियाणा फसल विविधीकरण स्कीम को बतौर प्रोत्साहन राज्य में लागू किया है।

फसल बदलने प्रोत्साहन

फसल विविधीकरण स्कीम में सालों से चली आ रही एक सी फसल उगाने की परंपरा के बजाए किसानों को बदल-बदल कर कृषि भूमि, पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य उपयोगी फसल उगाने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस योजना के जरिए प्रदेश में धान की खेती के बजाए दूसरी खेती फसल अपनाने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।

अनुदान का प्रबंध

अन्य फसलों जैसे कपास, मक्का, दलहन, ज्वार, अरंडी, मूंगफली, सब्जी एवं फल आदि की किसानी करने वाले किसानों को अनुदान राशि भी प्रदेश में प्रदान की जा रही है।

योजना का उद्देश्य

हरियाणा प्रदेश सरकार ने हरियाणा फसल विविधीकरण योजना को लागू करने का निर्णय, राज्य में भूजल की बढ़ती परेशानी के निदान के लिए लिया है। धान की खेती में बहुत मात्रा में पानी की जरूरत होती है। मूल तौर पर धान की किसानी की वजह से प्रदेश के भूजल स्तर में चिंतनीय गिरावट देखी गई है।


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इस समस्या के प्राकृतिक समाधान के तहत प्रदेश में फसल विविधीकरण के लक्ष्य को निर्धारित किया गया है। क्रॉप डायवर्सिफिकेशन स्कीम से प्रदेश में अन्य फसलों की खेती तरीकों में भी वृद्धि होगी। इससे भूजल गिरावट की समस्या का भी समाधान हो सकेगा

चावल पीता है पानी

कृषि अनुसंधान के अनुसार 1 किलोग्राम चावल की पैदावार के लिए औसतन 300 लीटर पानी लगता है। इस खपत को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा सरकार ने फसल विविधीकरण के लक्ष्य पर काम करना शुरू किया है, ताकि घट रहे भूजलस्तर की समस्या का समय रहते प्राकृतिक तरीके से समाधान किया जा सके।

अंतिम तारीख 31 अगस्त

हरियाणा फसल विविधीकरण योजना 2022 के तहत योजना संबंधी आवेदन जमा करने की प्रदेश सरकार ने अंतिम समय सीमा 31 अगस्त 2022 तय की है। इसके लिए आवेदक को आधार कार्ड क्रमांक से संबद्ध बैंक खाता संबंधी जानकारी आवेदन पत्र में दर्शानी होगी। योजना के पात्र हितग्राही आवेदक को राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली प्रोत्साहन धन राशि उसके बैंक खाते में जमा की जाएगी।

कृषि यंत्र अनुदान

हरियाणा फसल विविधीकरण योजना (Haryana Crop Diversification Scheme) के जरिये सरकार द्वारा किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए अनुदान भी प्रदान किया जाएगा।

योजना इनके लिए है

हरियाणा फसल विविधीकरण योजना का लाभ प्रदेश के निवासी को ही प्रदान किया जाएगा। योजना के अनुसार कृषक को पिछले वर्ष की तुलना में धान के रकबे के कम से कम 50% हिस्से में दूसरी फसलों की पैदावार करना होगी।


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इसके अलावा बैंक खाता, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, कृषि योग्य भूमि संबंधी दस्तावेज, पहचान पत्र, मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण,

पासपोर्ट साइज फोटो भी आवेदक को योजना के लिए दर्शाना होगी।

हरियाणा फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कृषक मित्र, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करा सकते हैं।
मध्य प्रदेश में कृषि यंत्रों पर मिल रही है सब्सिडी, इस तारीख तक करें आवेदन

मध्य प्रदेश में कृषि यंत्रों पर मिल रही है सब्सिडी, इस तारीख तक करें आवेदन

कृषि यंत्रों का किसानों के जीवन में एक बड़ा महत्व है, अच्छे कृषि यंत्रों के बिना किसानों के लिए खेती करना बेहद मुश्किल हो सकता है, जिससे इसका असर किसानों की खेती में पड़ेगा और प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से इसका असर किसानों के उत्पादन में हो सकता है। आजकल खेती के लिए बहुत सारे कृषि यंत्र बाजार में आ रहे हैं जो किसानों के लिए खेती बाड़ी में बहुत सहायक होते हैं, इनकी मदद से किसानो के लिए खेती करना काफी हद तक आसान हो गया है।

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आधुनिक युग के कृषि यंत्र किसानों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं हैं, इसलिए ज्यादातर किसान अपने लिए कृषि यंत्र खरीद लेते हैं। जो नहीं खरीद पाते वो दूसरे किसानों से किराये पर लेकर उपयोग कर लेते हैं, ताकि खेती समय पर की जा सके और ज्यादा से ज्यादा पैदावार बढ़ाई जा सके। ऐसे किसान जो खुद के लिए कृषि यंत्र नहीं खरीद पाते, उनके लिए राज्य सरकारें समय-समय पर योजनाएं लेकर आती रहती हैं, जिसमें सरकार किसानों को कृषि यंत्रों में खरीदारी पर भारी सब्सिडी प्रदान करती है, ताकि कम आय वाला, मध्यम या निम्न किसान भी अपने लिए कृषि यंत्र खरीद पाए। एक ऐसी ही योजना मध्य प्रदेश की सरकार लेकर आई है, जिसमें सरकार प्रदेश के किसानों के लिए ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत कृषि यंत्रों की खरीदारी में सब्सिडी प्रदान करती है। यह सब्सिडी मध्य प्रदेश शासन के अंतर्गत आने वाले संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी, भोपाल द्वारा किसानों को प्रदान की जाती है।

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मध्य प्रदेश शासन ने ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल में विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों को शामिल किया है, जिनमें सरकार कृषि यंत्रों की खरीद पर किसानों को सब्सिडी प्रदान करेगी। इन यंत्रों में विनोविंग फेन (ट्रेक्टर या मोटर ऑपरेटेड), स्वचालित रीपर या रीपर (ट्रेक्टर ऑपरेटेड), रीपर कम बाइंडर, श्रेडर या मल्चर, पावर वीडर (2 बी.एच.पी. से अधिक का इंजन चलित) एवं पावर टिलर (8 बी.एच.पी से अधिक) को शामिल किया गया है, जिसमें इस साल सरकार सब्सिडी प्रदान करने जा रही है। इन विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों को खरीदने करने के लिए सरकार ने ऑनलाइन माध्यम से इच्छुक किसानों से आवेदन मंगाए हैं। इच्छुक किसान dbt.mpdage.org में जाकर अपने मन पसंद कृषि यंत्र के लिए आवेदन ऑनलाइन माध्यम से भर सकते हैं, इसके बाद किसान को निर्धारित धरोहर राशि का डिमान्ड ड्राफ्ट बनवाकर ऑनलाईन आवेदन के साथ स्कैन करके फॉर्म के साथ संलग्न करना होगा। कृषि यंत्र के लिए आवेदन करने वाले किसान के पास खुद की जमीन होना अनिवार्य है। खुद की जमीन न होने की स्थित में आवेदन अस्वीकृत कर दिया जाएगा।

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आवेदन करते समय किसान के पास आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, जमीन के कागजात, बैंक खाता पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। इन चीजों के बिना किसान ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पाएंगे। इस योजना के अंतर्गत किसानों को उनकी मांग के अनुसार सरकार उन्नत कृषि यन्त्र उपलब्ध करवाएगी। यदि किसी किसान को इसमें किसी भी प्रकार का कोई संशय है तो वो dbt.mpdage.org में जाकर योजना से संबंधित नियम कायदे पढ़ सकता है, इसके अलावा किसान उप संचालक कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकता है। जहां पर योजना से सम्बंधित जानकारी प्रदान की जाएगी। इस योजना के माध्यम से उन्नत कृषि यन्त्र खरीदने के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 26 सितम्बर है, इसके बाद किये गए आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। प्राप्त आवेदनों के विरुद्ध संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी, भोपाल लॉटरी सम्पादित करेगा, जो 27 सितम्बर 2022 को की जाएगी। जो भी किसान इस लॉटरी के माध्यम से उन्नत कृषि यंत्रों के लिए चयनित होंगे, उनका नाम वेबसाइट में प्रकाशित कर दिया जाएगा, जहां से किसान अपना नाम लिस्ट में देख सकते हैं। जिन-जिन किसानों का नाम लिस्ट में आ जाएगा, उन्हें सब्सिडी के तहत उन्नत कृषि यन्त्र सरकार की तरफ से प्रदान किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त एक प्रतीक्षा सूची भी जारी की जाएगी, यदि कोई किसान पहली लिस्ट में आने के बावजूद अपना कृषि यन्त्र स्वीकार नहीं करता है, तो वह कृषि यंत्र सब्सिडी के साथ प्रतीक्षा सूची वाले किसान को दे दिया जाएगा।
यह राज्य सरकार कृषकों को कृषि यंत्र खरीद पर अच्छा-खासा अनुदान प्रदान कर रही है

यह राज्य सरकार कृषकों को कृषि यंत्र खरीद पर अच्छा-खासा अनुदान प्रदान कर रही है

मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से किसानों के हित में ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत कृष उपकरणों और मशीनों को खरीदने पर 30 से 50 फीसद तक अनुदान मुहैय्या करा रही है। आधुनिक दौर में खेती विज्ञान पर आधारित हो चुकी है। खेती को सुगम और सरल बनाने कि लिए प्रतिदिन नवीनतम मशीनों का आविष्कार किया जा रहा है। इन मशीनों के इस्तेमाल से वक्त की भी बचत होती है। साथ ही, खेती पर किए जाने वाले खर्चे में भी काफी सहूलियत मिलती है। इन्हीं वजहों के चलते अलग- अलग राज्य सरकारें अपने- अपने राज्यों में कृषि यंत्रों की खरीद हेतु बेहतरीन अनुदान देती हैं। जिससे किसान भाईयों को खेती करने में किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो पाए। कृषि जागरण के अनुसार, मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से किसानों को ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत कृषि मशीनों की खरीद पर अच्छी-खासी सब्सिडी देने की घोषणा की है। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सरकार भी इस बात से सहमत है, कि वर्तमान में खेती तकनीक पर आधारित हो गई है। अगर किसान भाइयों को आधुनिक और नवीन मशीनों की खरीद पर आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की जाए, तो बाकी राज्यों के कृषकों से पीछे रह जाएंगे। दरअसल, कृषि यंत्र अत्यंत महंगे मिलते हैं। समस्त किसान इन्हें खरीदने के लिए सक्षम नहीं होते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर एमपी सरकार द्वारा कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान प्रदान करने का निर्णय लिया है।

इन यंत्रों की खरीद पर कितने प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा

मध्य प्रदेश सरकार ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत कृषि ऊपकरणों एवं मशीनों की खरीद पर 30 से 50 प्रतिशत तक अनुदान मुहैय्या करा रही है। इससे कृषकों को श्रू मास्टर, मल्चर, सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, सुपर सीडर, क्रॉप रीपर, हैप्पी सीडर और जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर की खरीद करने पर 40 से 60 हजार रुपये का अनुदान मुहैय्या करा रही है। साथ ही, मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से अनुदान की घोषणा करने पर किसानों के मध्य प्रशन्नता की लहर है। किसान भाइयों को यह उम्मीद जताई है, कि इन यंत्रों की सहायता से खेती करने पर अच्छी उपज मिल सकेगी।

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जितने भी विकसित देश हैं सब मशीनों के सहयोग से खेती करते हैं

आज की तारीख में जितने भी विकसित देश हैं, वहां यंत्रों एवं मशीनों की सहायता से खेती-किसानी की जा रही है। रूस, अमेरिका और कनाड़ा समेत बहुत सारे विकसित देशों में किसान अकेले ही यंत्र की सहायता से सैंकड़ों एकड़ में उत्पादन कर रहे हैं। अगर भारत में समस्त किसानों के पास कृषि यंत्र की उपलब्धता हो जाए, तब यहां के कृषक भी पश्चिमी देशों के किसानों की भाँति बेहतरीन ढंग से खेती कर सकेंगे। बतादें, कि मध्य प्रदेश के अतिरिक्त दूसरे प्रदेश भी कृषि यंत्रों की खरीद पर वक्त-वक्त पर अनुदान मुहैय्या करा देते हैं। साथ ही, विगत फरवरी माह में पंजाब सरकार द्वारा कृषि यंत्रों की खरीद करने पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की घोषणा की थी। जनरल कैटेगरी में आने वाले किसानों को 40 प्रतिशत अनुदान धनराशि प्रदान की जा रही थी। साथ ही, बाकी श्रेणी के कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान था।
कृषि यंत्रों की खरीदी पर सरकार देगी 50% से 80% अनुदान, जानें इसकी आवेदन प्रक्रिया के बारे में

कृषि यंत्रों की खरीदी पर सरकार देगी 50% से 80% अनुदान, जानें इसकी आवेदन प्रक्रिया के बारे में

सरकार समय समय पर किसानों के लिए नयी योजना लेकर आती रहती है। किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की दिशा में सरकार निरंतर प्रयाश कर रही है। अब हरियाणा सरकार प्रदेश के किसानों के लिए नई योजना लेकर आयी है। हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों को कृषि उपकरण खरीदने पर व्यक्तिगत श्रेणी में 50% अनुदान देने की घोषणा की है, जबकि सहकारी समिति एफपीओ और पंचायतों ने किसानों के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र बनाने पर 80% अनुदान दिया है। इस योजना को सरकार ने खेती में आधुनिक उपकरणों का उपयोग करने के लिए शुरू किया है। किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी, क्योंकि वे नवीनतम उपकरणों को आसानी से खरीद सकेंगे। आज यहां आप इस योजना से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी के बारे में विस्तार से जानेंगे

हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के लाभ एवं विशेषताएं

सरकार हरियाणा राज्य के किसानों को इस योजना के तहत कृषि उपकरण खरीदने पर सब्सिडी देगी। इस योजना के अंतर्गत किसानों को 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत की अनुदान राशि मिलेगी। किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों से लाभ मिलेगा। राज्य के किसानों की आर्थिक हालत भी सुधरेगी। राज्य के किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग करने से उत्पादन में भी वृद्धि होगी।

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हरियाणा कृषि अनुदान योजना के लिए पात्रता एवं आवश्यक दस्तावेज  

योजना में आवेदन करने वाले किसान हरियाणा के स्थायी निवासी होने चाहिए। आवेदन करने वाले किसान के पास कृषि योग्य भूमि होनी बहुत आवश्यक है। साथ ही, इसके लिए किसान भाइयों के पास पैन कार्ड, बैंक पासबुक, परिवार पहचान पत्र, शपथ पत्र, पटवारी रिपोर्ट, मोबाइल नंबर, ट्रैक्टर आरसी जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का होना अनिवार्य है। 

हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत किन यंत्रो पर मिलेगी सब्सिड़ी 

हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत हरियाणा सरकार विभिन्न कृषि यंत्रो पर अनुदान देने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत मिलने वाले यंत्रो की सूची में स्ट्रॉ बेलर, राइस ड्रायर, फर्टिलाइजर ब्रॉडकास्ट, लेजर लैंड लेवलर, ट्रैक्टर ड्रिवन स्प्रे, पैडी ट्रांसप्लांटर, है रेक, मोबाइल श्रेडर।, रोटावेटर, रीपर बाइंडर, ट्रैक्टर ड्राइविंग पाउडर वीडर आदि यंत्र सम्मिलित हैं। 

हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया  

इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र किसानों को आवेदन करना होगा, हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना में आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको आधिकारिक वेबसाइट agriharyana.gov.in पर जाना होगा। इसके बाद आपके सामने होम पेज खुलेगा,होम पेज पर आपको Farmers Corner वाले ऑप्शन पर क्लिक करके Apply For Agriculture Schemes के ऑप्शन पर क्लिक कर देना है। 

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इसके बाद आपके सामने एग्रीकल्चर की सभी स्कीम्स जाएगी। इसमें आपको हरियाणा कृषि यंत्र सब्सिडी योजना पर क्लिक कर देना है। जैसे ही आप अपनी स्कीम के सामने View वाले का ऑप्शन पर क्लिक करेंगे आपके सामने एक नया पेज खुलेगा। इसमें आपको हेयर टू Register के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। अब आपको पूछी गई जानकारी भरनी है।  अब आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना होगा। हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको फॉर्म सबमिट करना होगा ,पूरी जानकारी सही-सही देना होगा। इस प्रक्रिया को को पूरा करने के बाद आपका आवेदन हो संपन्न हो जाऐगा। 
रोटावेटर की खरीदी पर किसानों को मिलेगी सब्सिडी

रोटावेटर की खरीदी पर किसानों को मिलेगी सब्सिडी

सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए कृषि यंत्र सुधार करने के लिए अनुदान योजना चलाई है। सरकार द्वारा किसानों को सस्ती दर पर कृषि यंत्र प्रदान की जा रही है। विभिन्न राज्यों में इस योजना को अलग-अलग नामों से चलाया जाता है। 

कृषि यंत्र अनुदान योजना राजस्थान (Krishi Yantra Anudan Yojana Rajasthan), कृषि यंत्रीकरण योजना उत्तर प्रदेश (Agricultural Mechanization Scheme) और ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना मध्यप्रदेश (E-Krishi Yantra Anudan Yojana) चल रही हैं। किसानों को इन योजनाओं के तहत राज्य अपने स्तर पर कृषि उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी का लाभ देते हैं।

रोटावेटर का क्या कार्य होता है?

रोटावेटर का इस्तेमाल खेत को जोतने के लिए किया जाता है। रोटावेटर से जुताई करते ही जमीन भुरभुरी हो जाती है। इसकी सहायता से फसलों को मिट्टी में मिलाना बहुत आसान होता है। रोटावेटर के प्रयोग से खेत की मिट्टी उपजाऊ बनती है।

रोटावेटर पर किसानों को कितनी सब्सिडी मिलेगी

किसानों को राज्य सरकार से रोटावेटर खरीदने पर 40 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु और सीमांत किसानों और महिलाओं को कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत 20 बीएचपी से अधिक क्षमता वाले रोटावेटर की कीमत का 50 प्रतिशत, या 42,000 से 50,400 रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी। 

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साथ ही, अन्य श्रेणी के किसानों को रोटावेटर की लागत पर 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, जो 34,000 से 40,300 रुपये तक हो सकती है।

रोटावेटर कितनी कीमत तक मिल जाता है? 

कई कंपनिया रोटावेटर का निर्माण करती है साथ ही इनकी कीमत भी किसानों के बजट के आधार पर निर्धारित करती है। रोटावेटर की कीमत लगभग 50,000 रुपए से शुरू होकर 2 लाख रुपए तक है। रोटावेटर की कीमत इसके फीचर्स और स्पेसिफिकेशन के आधार पर निर्धारित की जाती है।

रोटावेटर की खरीदी के लिए पात्रता और शर्तें   

  • आवेदक के पास स्वयं के नाम से कृषि भूमि होनी चाहिए या अविभाजित परिवार में राजस्व रिकार्ड में नाम होना चाहिए।
  • ट्रैक्टर चलित कृषि यंत्र के लिए सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन आवेदक के नाम से होना चाहिए।
  • विभाग की किसी भी योजना में किसी भी प्रकार का कृषि यंत्र एक किसान को तीन वर्ष की अवधि में केवल एक बार दिया जाएगा।
  • एक वित्तीय वर्ष में एक किसान को सभी योजनाओं में अलग-अलग प्रकार के तीन कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जाएगा।
  • राज किसान साथी पोर्टल पर सूचीबद्ध किसी भी पंजीकृत निर्माता या विक्रेता से कृषि यंत्र खरीदने पर ही अनुदान दिया जाएगा।

रोटावेटर की खरीद पर सब्सिडी लेने के लिए आवेदन प्रिक्रिया 

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको राजकिसान पोर्टल पर आवेदन करना होगा जिससे की आपको समय पर योजना का लाभ प्राप्त हो सके। पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का रैंडमाइजेशन के बाद ऑनलाइन वरीयता क्रम के आधार पर निस्तारण किया जाएगा। 

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जो किसान स्वयं आवेदन करना चाहते हैं, वे राजकिसान पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। यदि स्वयं आवेदन नहीं कर सकते हैं तो आप अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आप आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा किए जाने की प्राप्ति रसीद ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकते हैं। 

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज 

आवेदन करते समय आपके पास आधार कार्ड, जनाधार कार्ड, जमाबंदी की नकल (जो छह माह से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए), जाति प्रमाण पत्र, ट्रैक्टर का पंजीयन प्रमाण-पत्र (आर.सी.) की प्रति (ट्रैक्टर चलित यंत्रों के लिए अनिवार्य) की आवश्यकता होगी।   

राज्य के किसानों कृषि कार्यालय से प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद ही कृषि यंत्रों की खरीदी कर सकेंगे। किसान को मोबाइल संदेश या उनके क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक से स्वीकृति की जानकारी दी जाएगी। 

कृषि उपकरण या मशीन की खरीद के बाद कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी द्वारा भौतिक जांच की जाएगी। सत्यापन के समय कृषि यंत्र की खरीद का बिल देना होगा। तब ही अनुदान का भुगतान किसान के बैंक खाते में डिजिटल रूप से किया जाएगा।